Jac Board Class 10 Hindi Chapter 4 अट नहीं रही है (सूर्यकांत त्रिपाठी निराला) || Important Question with Answer
कक्षा 10 | हिन्दी | अध्याय-4 |
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अट नहीं रही है |
1. "अट नहीं रही है" कविता के कवि निम्न में से कौन है ?
- सूर्यकांत त्रिपाठी निराला
- नागार्जुन
- जयशंकर प्रसाद
- ऋतुराज
उत्तर A : सूर्यकांत त्रिपाठी निराला
2. 'अट नहीं रही है' कविता में कवि ने किसका वर्णन किया है ?
- प्राकृतिक सौंदर्य का
- वर्षा ऋतू का
- भौगोलिक सौंदर्य का
- इनमें से कोई नहीं
उत्तर A : प्राकृतिक सौंदर्य का
3. 'अट नहीं रही है' कविता में चारों तरफ किसकी सुंदरता फैली हुई है ?
- फागुन
- माघ
- कार्तिक
- वैशाख
उत्तर A : फागुन
4. फागुन मास में कैसी हवाएँ चल रही है ?
- शुष्क
- नमीयुक्त
- मंद-मंद
- मादक
उत्तर D : मादक
5. फागुन मास के कारण लोगों के चेहरे पर क्या है ?
- डर
- मायूसी
- खुशी
- दु:ख
उत्तर C : खुशी
6. वन के वैभव में क्या कूट-कूटकर भरा है ?
- रंग-बिरंगे पते
- विशाल पर्वत एवं नदियाँ
- अपार जल
- शोभा एवं सौंदर्य
उत्तर D : शोभा एवं सौंदर्य
7. फागुन अन्य ऋतुओं से किस प्रकार भिन्न होता है ?
- सुहावने मौसम के कारण
- पहाड़ो पर बर्फ जमने के कारण
- नदियों में गर्म पानी बहने के कारण
- पेड़ पौधों पर फूल मुरझाने के कारण
उत्तर A : सुहावने मौसम के कारण
8. 'कहीं साँस लेते हो, घर-घर भर देते हो' पंक्ति में किसकी विशिष्टता व्यंजित हुई है ?
- हवा की
- फलों की
- नभ की
- फूलों की
उत्तर D : फूलों की
9. सूर्यकांत त्रिपाठी निराला का जन्म कब हुआ ?
- 1878
- 1863
- 1906
- 1899
उत्तर D : 1899
10. 'अट नहीं रही है' कविता में किसकी आभा हट नहीं रही है ?
- फूलों की
- कवि की
- बादलों की
- फागुन की
उत्तर D : फागुन की
11. 'अट नहीं रही है' कविता में फागुन के मौसम में किस फूल का रंग लाल होता है ?
उत्तर : पलाश फूल का रंग लाल होता है |
12. 'अट नहीं रही है' कविता में कवि को आकाश में उड़ने के लिए कौन पंख दे देता है ?
उत्तर : फागुन का महीना।
13. फागुन में ऐसा क्या होता है जो बाकी ऋतुओं से भिन्न होता है?
उत्तर : फागुन का मौसम बहुत ही अच्छा और सुहावना होता है। यह ऐसा मौसम है, जब प्रकृति अपने सुंदरतम रूप में होती है। जगह- जगह फूल खिले होते हैं, पेड़ पौधों में पुराने पत्ते झड कर नए पत्ते निकलने लगते हैं, धरती में सर्वत्र फूल खिले हुए रहते हैं। ऐसा सौंदर्य अन्य ऋतुओं में दिखाई नहीं देता है।
14. कवि की आँख फागुन की सुंदरता से क्यों नहीं हट रही है ?
उत्तर : फागुन बहुत मतवाला, मस्त और शोभाशाली है। उसका रूप-सौंदर्य रंग-बिरंगे फूलों, पत्तों और हवाओं में प्रकट हो रहा है। फागुन के कारण मौसम इतना सुहाना हो गया है कि उस पर से आँख हटाने का मन नहीं करता।
15. प्रस्तुत कविता में कवि ने प्रकृति की व्यापकता का वर्णन किन रूपों में किया है?
उत्तर : कवि निराला को फागुन का मास अत्यंत सुंदर लगता है। उन्होंने प्रकृति की सौंदर्य की व्यापकता का वर्णन कई रूपों में किया है। कवि कहता है कि जब तुम सांस लेते हो, तो घर भर जाता है अर्थात् मौसम के सौंदर्य का प्रभाव इतना ज्यादा है कि पूरा वातावरण सुगंध से भर जाता है। उन्होंने एक जगह लिखा है कि उड़ने को पर-पर कर देते हो अर्थात् फागुन का प्रभाव कवि और अन्य लोगों में इतना हो गया है कि मन प्रफुल्लित होकर आकाश में उड़ने लगता है, उनका मन कहीं एक जगह स्थिर नहीं होता बल्कि प्रकृति के चारों दिशाओं के रूप सौंदर्य को निहारने के लिए प्रतिपल यहां वहां भटकते रहता है। यह कहा जा सकता है कि धरती पर सर्वत्र फागुन मास की शोभा स्पष्ट नजर आने लगती है।
16. फागुन मास में प्रकृति में क्या परिवर्तन दिखने लगते हैं?
उत्तर : फागुन मास में प्रकृति अपने सर्वोत्तम रूप में होती है । पेड़-पौधों से पुराने पत्ते झड़ कर नए-नए और कोमल पत्ते निकलने लगते हैं। कहीं पलाश के फूल खिलने लगते हैं तो कहीं साल के पत्ते निकलने लगते हैं और फूलने लगते हैं, पूरा वातावरण सरई फूल और पलाश के फूलों से सफेद- लाल रंग से पट जाता है।
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