Jcert Class 9 Science Question And Answer हमारे आस पास के पदार्थ Chapter 1 विज्ञान
पाठ्यपुस्तक प्रश्न-उत्तर पृष्ठ संख्या-4
Q1. निम्नलिखित में से कौन-से पदार्थ हैं
कुर्सी, वायु, स्नेह, गंध, घृणा, बादाम, विचार, शीत, शीतल पेय, इत्र की सुगंध
उत्तर : कुर्सी, वायु, बादाम और शीतल पेय आदि पदार्थ हैं क्योंकि इनका द्रव्यमान होता है और ये स्थान घेरते है |
Q2. निम्नलिखित प्रेक्षण के कारण बताइए -
गर्मा-गरम खाने की गंध कई मीटर दूर से ही आपके पास पहुँच जाती है लेकिन ठंडे खाने की महक लेने के लिए आपको उसके पास जाना पड़ता है |
उत्तर : यह पदार्थ के कणों की विशेषताओं का गुण है जो तापमान बढ़ने से इनके कणों की गतिज ऊर्जा बढ़ जाती है और इन कणों की गतिज ऊर्जा बढ़ने से इनकी बीच की दुरी अर्थात कणों के बीच रिक्त स्थान बढ़ जाता है और फैलने लगते हैं यही कारण है कि गरम खाने की गंध कई मीटर दूर से ही हमारे पास पहुँच जाती है जबकी ठंडे खाने की महक लेने के लिए हमें उसके पास जाना पड़ता है |
Q3. स्विमिंग पुल में गोताखोर पानी काट पाता है ? इससे पदार्थ का कौन सा गुण प्रेक्षित होता है ?
उत्तर : स्विमिंग पुल में गोताखोर पानी काट पता है क्योंकि पदार्थ के कणों के बीच आकर्षण बल कम होता है |और इसके कणों के बीच रिक्त स्थान होता है | यदि इसके कणों के बीच रिक्त स्थान नही होता तो गोताखोर पानी को नही काट पाता |
Q4. पदार्थ के कणों की क्या विशेषताएँ होती है ?
उत्तर : पदार्थ के कणों की निम्न विशेषताएँ होते है |
(1) . पदार्थ के कणों के बीच रिक्त स्थान होता है |
(2) . पदार्थ के कं निरंतर गतिशील होते है |
(3) . पदार्थ के कं एक - दुसरे को आकर्षित करते है |
पाठ्यपुस्तक प्रश्न-उत्तर पृष्ठ संख्या-6
Q1. किसी तत्व के द्र्वयामन प्रति इकाई आयतन को घनत्व कहते है | ( घनत्व = द्र्वयामन/आयतन ) बढ़ते हुए घनत्व के क्रम में निम्नलिखित को व्यवस्थित करे - वायु , चिमनी का धुआं ,शहद ,जल ,चाक ,रुई और लोहा |
उत्तर : बढ़ते हुए घनत्व के क्रम निमान्किंत है :-
वायु < चिमनी का धुआ < रुई < जल < शहद < चाक < लोहा |
Q2. (a). पदार्थ की विभिन्न अवस्थाओ के गुणों में होने वाले अंतर को सारणीबद्ध कीजिए |
उत्तर : पदार्थ की विभिन्न अवस्थाओ के गुणों में होने वाले अंतर निम्नलिखित है :-
S.No | ठोस | द्रव | गैस |
---|---|---|---|
1. | आकार तथा आयतन दोनों निश्चित होता है | आकार अनिश्चित होता है लेकिन आयतन निश्चित होता है | आकार तथा आयतन दोनों अनिश्चित होता है |
2. | आकर्षण बल सबसे अधिक होता है | | आकर्षण बल मध्यवर्तीय होता है | | आकर्षण बल सबसे कम होता है | |
3. | कणों के बीच रिक्त स्थान न्यूनतम होता है | | कणों के बीच रिक्त स्थान मध्यवर्तीय होता है | | कणों के बीच रिक्त स्थान अधिकतम होता है | |
4. | इसमें गतिज ऊर्जा कम होता है | | इसमें गतिज ऊर्जा मध्यवर्तीय होता है | | इसमें गतिज ऊर्जा सबसे अधिक होता है | |
(b) निम्नलिखित पर टिप्पणी कीजिए - दृढ़ता, संपीड्यता, तरलता, बर्तन में गैस का भरना, आकार, गतिज ऊर्जा एवं घनत्व
उत्तर : दृढ़ता - ठोस पदार्थों के कण आपस में अत्यधिक आकर्षण बल से जुड़े होते हैं जिससे उन्हें तोड़ना या दबाना कठिन होता है, इसे दृढ़ता कहते हैं।
संपीड्यता - द्रव व गैसीय पदार्थों के कणों के बीच अत्यधिक रिक्त स्थान होता है, जिसमें हवा भरी होती है, जिससे वह दबाये जा सकते हैं। इस गुण को संपीड्यता कहते हैं।
तरलता - पदार्थों के बहने के गुण को तरलता कहते हैं।
बर्तन में गैस का भरना - गैसों के बीच काफी रिक्त स्थान होता है इसीलिए उन्हें काफी दबाया जा सकता है। इस प्रकार एक छोटे बर्तन में काफी गैस भरी जा सकती है।
आकार - कोई वस्तु जितना स्थान घेरती है, उसे उस वस्तु का आकार कहते हैं।
गतिज ऊर्जा - वस्तुओं में गति के कारण जो ऊर्जा या कार्य करने की क्षमता होती है, उसे गतिज ऊर्जा कहते हैं। किसी पदार्थ के तापमान बढ़ने से उस पदार्थ का गतिज ऊर्जा बढ़ जाती है |
K.E. = 1/2mv2
(यहाँ K.E. का मतलब गतिज उर्जा (Kinetic Energy) ,m का मतलब द्रव्यमान(Mass) और v का मतलब वास्तु का वेग
(Velocity) )
घनत्व - किसी वस्तु के इकाई आयतन के द्रव्यमान को घनत्व कहते हैं।
घनत्व=द्रव्यमान/आयतन
Q3. कारण बताइए -
(a) गैस पूरी तरह उस बर्तन को भर देती है, जिसमें इसे रखते हैं।
उत्तर : गैस पूरी तरह उस बर्तन को भर देती है जिसमें उसे हम रखते हैं क्योंकि अधिक गतिज ऊर्जा तथा कम आकर्षण बलों के कारण, गैस के कण तेजी से सभी दिशाओं में गतिशील रहते हैं।
(b) गैस बर्तन की दीवारों पर दबाव डालती है |
उत्तर : गैस बर्तन की दीवारों पर दबाव डालती है क्योंकि गैस के कण कम आकर्षण बल के कारण सभी दिशाओं में गति करने के लिए स्वतंत्र होते हैं और वे बर्तन की दीवारों से लगातार टकराते रहते हैं, जिससे बर्तन की दीवारों पर दबाव पड़ता है।
(c) लकड़ी की मेज़ ठोस कहलाती है |
उत्तर : लकडी के कण अत्यधिक आकर्षण बल से जुड़े होने के कारण पास-पास होते हैं। इस कारण इसका आकार एवं आयतन निश्चित होते हैं, चँकि ये ठोस पदार्थ के गुण हैं, अतः लकडी की मेज ठोस कहलाती है।
(d) हवा में हम आसानी से अपना हाथ चला सकते हैं, लेकिन एक ठोस लकड़ी के टुकड़े में हाथ चलाने के लिए हमें कराटे में दक्ष होना पड़ेगा।
उत्तर : हवा में हम आसानी से अपना हाथ चला सकते है क्योकि हवा के कणों के बीच रिक्त स्थान होता है लेकिन एक ठोस लकड़ी के टुकड़े में हाथ चलाने के लिए हमें कराटे में दक्ष होना पड़ेगा । क्योकि ठोस के कण अत्यधिक आकर्षण बल से जुड़े होते है जिसके कारण इसके कणों के बीच रिक्त स्थान नहीं होता है |
Q4. सामान्यतया ठोस पदार्थों की अपेक्षा द्रवों का घनत्व कम होता है। लेकिन आपने बर्फ़ के टुकड़े को जल में तैरते हुए देखा होगा। पता लगाइए, ऐसा क्यों होता है?
उत्तर : बर्फ का घनत्व जल के घनत्व से कम होता है। जल जमने से बर्फ़ होता है, इस लिए बर्फ़ के अन्दर रिक्त स्थान रहता है और इसलिए बर्फ़ के टुकड़े को जल में तैरते हुये देखा जाता है।
पाठ्यपुस्तक प्रश्न-उत्तर पृष्ठ संख्या-9
Q1. निम्नलिखित तापमान को सेल्सियस में बदलें।
a. 300 K b. 573K
उत्तर : (a) दिया है : 300 K
हम जानते हैं कि :
केल्विन स्केल पर तापमान = सेल्सियस स्केल पर तापमान + 273
300 = सेल्सियस स्केल पर तापमान + 273
सेल्सियस स्केल पर तापमान = 300 - 273 = 27°C
सेल्सियस स्केल पर तापमान = 27°C
अतः केल्विन स्केल पर 300 K का तापमान सेल्सियस स्केल पर 27°C के बराबर है।
(b) दिया है : 573 K
हम जानते हैं कि :
केल्विन स्केल पर तापमान = सेल्सियस स्केल पर तापमान + 273
573 = सेल्सियस स्केल पर तापमान + 273
सेल्सियस स्केल पर तापमान = 573 - 273 = 300°C
सेल्सियस स्केल पर तापमान = 300°C
अतः केल्विन स्केल पर 573 K का तापमान सेल्सियस स्केल पर 300°C के बराबर है।
Q2. निम्नलिखित तापमान पर जल की भौतिक अवस्था क्या होगी?
a. 250 °C b. 100°C
उत्तर : (a) 250°C ताप पर जल वाष्पीत हो जाता हे।
(b) 100°C ताप पर जल वाष्प अवस्था में होगा।
Q3. किसी भी पदार्थ की अवस्था परिवर्तन के दौरान तापमान स्थिर क्यों रहता है?
उत्तर : किसी भी पदार्थ की अवस्था परिवर्तन के दौरान ताप इसलिए स्थिर रहता है क्योंकि दी जाने वाली ऊष्मा उसके कणों के बीच आकर्षण बल को तोड़ने में प्रयुक्त हो जाती है। अंत: इस प्रकार अवस्था परिवर्तन के दौरान दी गई ऊष्मा को गुप्त ऊष्मा (गलत की गुप्त ऊष्मा या वाष्पीकरण की गुप्त ऊष्मा) कहते हैं।
Q4. वायुमंडलीय गैसों को द्रव में परिवर्तन करने के लिए कोई विधि सुझाइए।
उत्तर : दाब को बढ़ाकर तथा तापमान को घटाकर वायुमंडलीय गैसों को द्रव में परिवर्तित किया जाता है। विधि: एक सिलिंडर में वायुमंडलीय गैस भरकर इसमें लगे पिस्टन से संपीडित करने तथा ताप को कम करने पर पदार्थ के कण समीप आ जाते हैं तथा द्रव में बदल जाते हैं। दाब को बढ़ाने पर पदार्थ के कणों को समीप लाया जा सकता है।
पाठ्यपुस्तक प्रश्न-उत्तर पृष्ठ संख्या-11
Q1. गर्म, शुष्क दिन में कूलर अधिक ठंडा क्यों करता है?
उत्तर : गर्म, शुष्क दिनों में वायुमंडल में जलवाष्प कम होती है जिसके कारण वाष्पीकरण की दर बढ़ जाता है। जब कूलर चलता है जो उसका जल अपनी वाष्पीकरण की ऊर्जा अपने वातावरण से लेता है तथा तेजी से वाष्पित । होता है, अत: कूलर अधिक ठंडा करता है।
Q2. गर्मियों में घड़े का जल ठंडा क्यों होता है ?
उत्तर : गर्मियों में वायुमंडल में जलवाष्प कम होती है जो वाष्पन की दर को बढ़ा देती है। घड़े में छोटे-छोटे छिद्र होते हैं जिनसे पानी धीरे-धीरे रिसता रहता है जो वाष्पन के लिए जल से अधिक ऊष्मा लेता है जिससे घड़े का पानी ठंडा हो जाता है।
Q3. एसीटोन / पेट्रोल या इत्र डालने पर हमारी हथेली ठंडी क्यों हो जाती है?
उत्तर : ऐसीटोन/पेट्रोल या इत्र वाष्पशील पदार्थ हैं जब इन्हें हथेली पर रखते हैं तो हाथ की गर्मी के कारण इनका वाष्पन तेज हो जाता है। इसलिए ये ऊष्मीय ऊर्जा हथेली से लेते हैं जिससे हमारी हथेली ठंडी हो जाती हैं।
Q4. कप की अपेक्षा प्लेट से हम गर्म दूध या चाय जल्दी क्यों पी लेते हैं?
उत्तर : कप की अपेक्षा प्लेट का सतह का क्षेत्रफल अधिक होता है, जिसके कारण प्लेट से वाष्पीकरण अधिक मात्रा में होता है। अधिक वाष्पीकरण का कारण प्लेट में रखा चाय या दूध जल्दी ठंडा होता है, जिसके हम आसानी से पि लेते है।
Q5. गर्मियों में हमें किस तरह के कपड़े पहनने चाहिए?
उत्तर : गर्मियों में हमें सूती कपड़े पहनने चाहिए। सूती कपड़े में छिद्रों की अधिकता होती है और यह हमारे शरीर से पसीने को जल्दी से अवशोषित कर बाहरी वातावरण के संपर्क में लाता है, जिससे पसीना हमारे शरीर से जल्दी वाष्पित हो जाता है, जिसमें गुप्त गर्मी भी वाष्पित हो जाती है और हमारा शरीर ठंडा महसूस करता है।
अभ्यास प्रश्न-उत्तर
Q1. निम्नलिखित तापमानों को सेल्सियस इकाई में परिवर्तित करें:
(a) 300 K (b) 573 K
उत्तर : (a) दिया है : 300 K
हम जानते हैं कि :
केल्विन स्केल पर तापमान = सेल्सियस स्केल पर तापमान + 273
300 = सेल्सियस स्केल पर तापमान + 273
सेल्सियस स्केल पर तापमान = 300 - 273 = 27°C
सेल्सियस स्केल पर तापमान = 27°C
अतः केल्विन स्केल पर 300 K का तापमान सेल्सियस स्केल पर 27°C के बराबर है।
(b) दिया है : 573 K
हम जानते हैं कि :
केल्विन स्केल पर तापमान = सेल्सियस स्केल पर तापमान + 273
573 = सेल्सियस स्केल पर तापमान + 273
सेल्सियस स्केल पर तापमान = 573 - 273 = 300°C
सेल्सियस स्केल पर तापमान = 300°C
अतः केल्विन स्केल पर 573 K का तापमान सेल्सियस स्केल पर 300°C के बराबर है।
Q2. निम्नलिखित तापमानों को केल्विन इकाई में परिवर्तित करें:
(a) 25 °C (b) 373 °C.
उत्तर : (a) दिया है :
तापमान = 25°C
हम जानते हैं कि :
केल्विन स्केल पर तापमान = सेल्सियस स्केल पर तापमान + 273
केल्विन स्केल पर तापमान = 25 + 273
केल्विन स्केल पर तापमान = 298 K
अतः सेल्सियस स्केल पर 25°C का तापमान केल्विन स्केल पर 298 K के बराबर है।
(b) दिया है : तापमान = 373°C
हम जानते हैं कि :
केल्विन स्केल पर तापमान = सेल्सियस स्केल पर तापमान + 273
केल्विन स्केल पर तापमान = 373 + 273
केल्विन स्केल पर तापमान = 646 K
अतः सेल्सियस स्केल पर 373°C का तापमान केल्विन स्केल पर 646 K के बराबर है।
Q3. निम्नलिखित अवलोकनो हेतु कारण लिखें:
(a) नैफ्थलीन को रखा रहने देने पर यह समय के साथ कुछ भी ठोस पदार्थ छोड़े बिना अदृश्य हो जाती है।
उत्तर : नैफ्थलीन को रखा रहने देने पर यह समय के साथ कुछ भी ठोस पदार्थ छोड़े बिना अदृश्य हो जाती है यह इसलिए होता है क्योंकि नेप्थलीन उर्ध्वपातन की प्रक्रिया के कारण ठोस अवस्था से सीधे गैस में बदल जाती है।
(b) हमें इत्र की गंध बहुत दूर बैठे हुए भी पहुँच जाती है।
उत्तर : इत्र भी एक वाष्पशील द्रव होता है यह तुरंत वाष्प में बदलकर वायु में विसरित हो जाता है, जिस कारण दूर बैठे हुए भी हमें उसकी सुगंध आ जाती है। यह घटना विसरण के परिणामस्वरूप होती है।
Q4. निम्नलिखित पदार्थों को उनके कणों के बीच बढ़ते हुए आकर्षण के अनुसार व्यवस्थित करें:
(a) जल (b) चीनी (c) ऑक्सीजन
उत्तर : चीनी > पानी > ऑक्सीजन
Q5. निम्नलिखित तापमानों पर जल की भौतिक अवस्था क्या है:
(a) 25°C (b) 0 °C (c) 100 °C?
उत्तर : (a)25°C तापमान पर जल की भौतिक अवस्था द्रव अवस्था होगी।
(b) 0° C तापमान पर जल की भौतिक अवस्था ठोस अवस्था होगी।
(c) 100 °C तापमान पर जल की भौतिक अवस्था गैसीय (वाष्प) अवस्था होगी क्योंकि जल का क्वथनांक 100 °C है।
Q6. पुष्टि हेतु कारण दे :
(a) जल कमरे के ताप पर द्रव है |
उत्तर : जल कमरे के ताप पर द्रव होता है क्योंकि सामान्यत: कमरे का औसत तापमान 37°C होता है और हम जानते है कि जल 0°C पर ठोस होता है एवं 100°C पर वाष्पित हो जाता है। जबकि कमरे का सामान्य तापमान 20 से 25°C होता है। कमरे का यह तापमान 0°C से ज्यादा होने के कारण और 100°C से कम होने के कारण जल कमरे के ताप पर द्रव है।
(b) लोहे की अलमारी कमरे के ताप पर ठोस है।
उत्तर : लोहे की अलमारी कमरे के ताप पर ठोस है क्योंकि इसका आकार एवं आयतन निश्चित होता है। यह दृढ़ होती है और इसका घनत्व बहुत अधिक होता है। कमरे का तापमान लोहे के क्वथनांक से कम और गलनांक से अधिक है। कमरे के तापमान पर उसका अवस्था परिवर्तन संभव नहीं है इसलिए वह उस तापमान पर ठोस है ।
Q7. 273 K पर बर्फ़ को ठंडा करने पर तथा जल को इसी तापमान पर ठंडा करने पर शीतलता का प्रभाव अधिक क्यों होता है?
उत्तर : 273K के तापमान पर बर्फ की ऊर्जा पानी की ऊर्जा से कम होती है। बर्फ को इसी तापमान में ठंडा करने पर शीतलता अधिक होती है क्योंकि बर्फ और पानी दोनों की गुप्त ऊष्मा अलग-अलग होती है।
Q8. उबलते हुए जल अथवा भाप में से जलने की तीव्रता किसमें अधिक महसूस होती है?
उत्तर : उबलते हुए जल की अपेक्षा भाप में जलने की तीव्रता अधिक महसूस होती है क्योंकि भाप में उपस्थित कणों में जल में उपस्थित कणों की तुलना में अधिक ऊर्जा पाई जाती है। पाई जाने वाली यह अतिरिक्त ऊर्जा गुप्त ऊष्मा के रूप में होती है जिस कारण वे ज्यादा ऊष्मा उत्पन्न करते हैं।
Q9. निम्नलिखित चित्र के लिए A, B, C, D, E तथा F की अवस्था परिवर्तन को नामांकित करें:
उत्तर : चित्र के लिए A, B, C, D, E तथा F की अवस्था परिवर्तन निम्न प्रकार से है :
A : संगलन (fusion) यहां ठोस द्रव में बदल रहा है।
B : वाष्पीकरण (vaporization) यहां द्रव गैस में परिवर्तित हो रहा है।
C : संघनन(condensation) यहां गैस द्रव में परिवर्तित हो रहा है।
D : जमना (solidification) यहां द्रव ठोस में परिवर्तित हो रहा है।
E : उर्ध्वपातन (sublimation) यहां ठोस बिना द्रव अवस्था में आऐ गैस अवस्था में परिवर्तित हो रहा है।
F : निक्षेपण (Deposition) : यहां गैस बिना द्रव अवस्था में आऐ ठोस अवस्था में परिवर्तित हो रहा है।
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